व्यय पर्यवेक्षक ने किया उम्मीदवारों के व्यय रजिस्टरों का प्रथम निरीक्षण
विधानसभा क्षेत्र 38-हमीरपुर के उपचुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा व्यय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी आनंद कुमार ने शुक्रवार को यहां हमीर भवन में तीनों उम्मीदवारों के व्यय रजिस्टरों का प्रथम निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान आनंद कुमार ने सभी उम्मीदवारों एवं उनके प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने चुनाव प्रचार से संबंधित प्रत्येक खर्चे का ब्यौरा व्यय रजिस्टर में दर्ज करें। इसमें किसी भी खर्चे की एंट्री नहीं छूटनी चाहिए। इससे उनके खर्चों की सही गणना होगी और सहायक व्यय पर्यवेक्षक एवं अकाउंटिंग टीम द्वारा तैयार किए गए शैडो रजिस्टर से खर्चे का सही मिलान हो पाएगा। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार उम्मीदवार के व्यय रजिस्टर का शैडो रजिस्टर के साथ पूरा-पूरा मिलान होना चाहिए। व्यय पर्यवेक्षक ने बताया कि उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर भारत निर्वाचन आयोग की कड़ी नजर रहती है। इसके लिए फील्ड में अलग-अलग टीमें लगातार सक्रिय रहती हैं और चुनाव प्रचार से संबंधित गतिविधियों की वीडियोग्राफी भी करती है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के प्रचार के खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित की है। इससे अधिक धनराशि खर्च करने पर उम्मीदवार को अयोग्य घोषित किया जा सकता है और चुनावी खर्च का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत न करने पर उसे चुनाव लडऩे से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
आनंद ने बताया कि उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार के खर्चे की निगरानी के लिए कम से कम तीन बार व्यय रजिस्टरों का निरीक्षण अनिवार्य है। इसी क्रम में 2 जुलाई को दूसरा और 8 जुलाई को तीसरा निरीक्षण किया जाएगा।
व्यय पर्यवेक्षक ने सहायक व्यय पर्यवेक्षक और अकाउंटिंग टीम के सभी सदस्यों को भी अलर्ट रहने तथा चुनाव प्रचार से संबंधित हर गतिविधि के साक्ष्यों एवं वीडियो पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने उम्मीदवारों एवं उनके प्रतिनिधियों से कहा कि रात 10 बजे के बाद किसी भी तरह का प्रचार नहीं होना चाहिए। इसका उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।