आग से जले हुए पौधों की असेस्मेंट करेगा वन विभाग
गर्मी के सीजन में आगजनी की घटनाओं में वन विभाग की वनस्पति और अन्य पौधे जल गए हैं। इसका आकलन किया गया है, जिसमें लगभग 74 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई करना आसान नहीं है, लेकिन फिर भी वन विभाग अपने स्तर पर वन क्षेत्र को सुधारने में लगा है। इस बार जिला के लगभग सारे जंगल आग लगने से जल गए हैं जिसमें वनस्पति और वन्य जीव भी जल गए। हालांकि वन विभाग ने एक बार असेस्मेंट कर ली है।
अब बरसात के बाद दोबारा से जले हुए पौधों की री असेस्मेंट करेंगे जिससे पता चलेगा कि कितने पौधे दोबारा से जीवित हुए है या सूख गए हैं। वन विभाग ने इस बार बरसात में 80 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे लगाने की प्रपोजल तैयार की है जो अभी अप्रूव नहीं हुई।
प्रपोजल के अप्रूव होने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग पौधे लगाए जाएंगे। यदि वन विभाग की माते तो बरसात के मौसम में लगभग 50 हजार विभिन्न किस्मों के पौधे लगाए जाएंगे। वैसे तो हर वर्ष बरसात के मौसम में पौधे लगाए जाते हैं लेकिन सभी आग की भेंट चढ़ जाते हैं। ऐसे में पौधारोपण कार्यक्रम अपने आप में एक कार्यक्रम की बनकर रह गया है। जंगलों में आग लगने का कारण भी स्वयं लोग ही हैं जिनकी लापरवाही से जंगली वनस्पती जलकर राख हो जाती है जिन्हें फिर से उगाना संभव नहीं है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को भी इस बारे में सोचना चाहिए कि जंगलों में आग न लगे। इसके अलावा लोगों को वन्य जीवों बचाने के लिए भी आगे आना चाहिए। वनों को बचाने के साथ वन्य जीवों के लिए वन विभाग तालाब का निर्माण करेगा। जिससे वन्य जीवों को पीने का पानी मिल सके।
इस बारे में डीएफओ अंकित कुमार ने बताया कि आगजनी की घटनाओं में इस वर्ष 74 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि बरसात के बाद री असेस्मेंट की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बरसात 80 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे लगाए जाएंगे।