भारत के दूसरे क्रिकेट मैदान बिलासपुर में बनने जा रही हाईब्रिड क्रिकेट पिच
भारत के दूसरे क्रिकेट मैदान बिलासपुर में हाईब्रिड क्रिकेट पिच बनने जा रही है। बुधवार को इसका कार्य शुरू हो गया है और एतिहासिक लुहणू क्रिकेट मैदान में चार प्रैक्टिस और दो मेन क्रिकेट पिच को हाईब्रिड पिच के साथ तैयार किया जा रहा है, ताकि यहां पर खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और यहां के खिलाड़ी आधुनिक तकनीक से लैस पिचों में अपना अभ्यास और मैच खेल सकें। आपको बता दें कि बिलासपुर के लुहणू क्रिकेट मैदान में इंग्लैंड के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर व हाईब्रिड पिच तैयार करने वाली कंपनी के सीईओ पाॅल टेल ने दौरा किया और इस मैदान की खूब तारीफ भी की। वहीं, अब इस पिच को तैयार करने का कार्य भी शुरू हो गया है।
बुधवार को जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन बिलासपुर के सचिव विशाल जगोता ने बताया कि इस पिच के लिए कार्य शुरू हो गया है। 10 से 15 दिन के भीतर यह आधुनिक तकनीक से लैस पिच तैयार हो जाएंगी। आपको बता दें कि विदेश से बिलासपुर पहुंचे एक्सपर्ट टीम ने बताया कि यह काॅन्सेप्ट विदेशों मंें होने वाले फुटबाॅल ग्राउंडों से उठाया गया है। क्योंकि फुटबाॅल ग्राउंड के मैदान हमेशा हरे भरे रहते हैं, ऐसे में उसी तर्ज पर हिमाचल के मैदानों को भी तैयार किया जा रहा है। इससे पहले धर्मशाला में आयोजित हुए वल्र्ड कर्प टी 20 के मैचों के दौरान यह पिच तैयार की गई थी। उसके बाद अब बिलासपुर की पिचों को तैयार किया जाएगा, उसके बाद अमतर के मैदान में पिचों को तैयार करने का कार्य किया जाएगा। इस आधुनिक पिचों से एक तरफ जहां खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा साथ ही यहां पर ग्राउंड मैन को भी ठोड़ा रिलेक्स होगा। क्योंकि इस पिच के बनने से विकेट पर ग्राॅस खराब नहीं होगा। एक्सर्पट का कहना है कि यह 12 महीनों तक गाॅस रहेगा, जिससे खिलाड़ियों को खेलने में काफी मजा भी आएगा और उनको अतिरिक्त उछाल भी मिलेगा।
जानें कैसे तैयार की जाती है हाईब्रिड पिच
यूनिवर्सल मशीन की सहायता से क्रिकेट स्टेडियमों और पिचों के अंदर प्राकृतिक टर्फ के साथ थोड़ी मात्रा में पॉलिमर फाइबर इंजेक्ट करता है। प्राकृतिक ग्रास के साथ पांच प्रतिशत पॉलिमर फाइबर का उपयोग किया जाता है। मैदान में मुख्य पिच के साथ की पिच के सवेंदनशील एरिया में आर्टिफिशियल ग्रास को लगाया जाता है। इस तरह से तैयार पिच पर समान्य पिचों की ही तरह उछाल रहती है।
प्राकृतिक घास और सिंथेटिक का है मिश्रण
जानकारी के अनुसार इसे नेचुरल घास के साथ सिंथेटिक घास को मिक्स करके तैयार किया गया है। यह भारत की दूसरी हाईब्रिड पिच है। इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट मैदानों में इसी तरह की पिचों को तैयार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह प्रणाली पिच के स्वास्थ्य और लचीलेपन में सुधार करती है, जिससे खिलाड़ियों को बेहतर और सुरक्षित खेल की स्थिति का लाभ मिलता है
तेज गेंदबाज को मिलेगा अधिक फायदा
आपको बता दंे कि इस पिच के बनने से बिलासपुर में तेज गेंदबाजों को अधिक लाभ मिलेगा। यहां पर बाॅल का अतिरिक्त उछाल रहेगा, जिससे तेज गेंदबाज की बाॅल अधिक स्पीड में आएगी साथ ही बेहतर बल्लेबाज के लिए भी अच्छा उछाल रहेगा, जिससे उन्हें अच्छे शाॅट लगाने में मदद मिलेगी।