हिमाचल से सीख रही पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ पुलिस
एनडीपीएस मामलों में हिमाचल पुलिस तथा फॉरेंसिक विभाग की चुस्त-दुरुस्त जांच प्रक्रिया का लोहा पंजाब तथा हरियाणा ने भी माना है तथा इसी के चलते अब तक पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ के करीब 1500 अन्वेषण अधिकारी पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज डरोह में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। बताते चलें कि पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामलों में जांच प्रक्रिया में देरी के कारण कई ऐसे मामले हैं, जिन पर कोई निर्णय अदालतों में नहीं हो पाया है। वहीं, इन राज्यों की तुलना में हिमाचल प्रदेश में ज्यादातर मामलों में तय सीमा में ही अदालतें निर्णय सुनाने के कारण हिमाचल में एनडीपीएस मामलों की सुदृड़ जांच प्रक्रिया ने इन दोनों राज्यों के हाईकोर्ट का भी ध्यान आकर्षित किया है तथा कोर्ट चाहता है कि ऐसे मामलों में पिछड़ी रही इन राज्यों की पुलिस भी हिमाचल प्रदेश से प्रशिक्षण लेकर हिमाचल की तर्ज पर जांच प्रक्रिया को अंजाम दे। इसमें प्रक्रिया, जांच तथा न्यायिक प्रक्रिया तक का प्रशिक्षण शामिल है। पुलिस की जांच के अलावा इन मामलों में फॉरेंसिक जांच का रोल भी खासा अहम रहता है। 2022 में जारी भारत सरकार की अधिसूचना के तहत फॉरेंसिक जांच की रपट 15 दिनों के भीतर संबंधित जांच अधिकारी या कोर्ट को मिल जानी चाहिए। वहीं हिमाचल में एनडीपीएस मामलों में फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर ही जमा करवा दी जाती है। वहीं, पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ में ऐसा नहीं होता तथा फॉरेंसिक रिपोर्ट में होने वाली देरी का असर निर्णय होने पर पड़ता है। सूत्रों के अनुसार अब तक पीटीसी डरोह में पंजाब तथा हरियाणा के 4-4 तथा चंडीगढ़ का एक बैच प्रशिक्षण प्राप्त कर चुका है।