थैरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट दिव्यागों को दे रहा नया जीवन
दिव्यांगजनों के विकास और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही सांफिया फाउंडेशन का थैरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट दिव्यांगजनों को नया जीवन दे रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत सांफिया फाउंडेशन द्वारा आधुनिक सुविधाओं से लैस एक बस के माध्यम से थैरेपी गतिविधियों को जिला कुल्लू के दूरदराज क्षेत्रों तथा गांवों में चलाकर दिव्यांगजनों तथा लोगों को घरद्वार पर थैरेपी की सेवा व सुविधा प्रदान की जा रही है। फाउंडेशन पिछले चार वर्षों से कुल्लू जिला के सैंज, बंजार, मणिकर्ण, गड़सा, मनाली व लगघाटी में दिव्यांगजनों को विभिन्न तरह की थैरेपी की सुविधा देने में जुटी हुई है। फाउंडेशन का थैरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट पूरे देश का एकमात्र ऐसा प्रोजेक्ट है जो बस के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को घरद्वार में थैरेपी सुविधा दे रहा है, जिसके लिए फाउंडेशन को ऑस्ट्रिया में सम्मानित भी किया जा चुका है।
फाउंडेशन के कार्यक्रम प्रबंधक बीजू हिमदल ने बताया कि थैरेपी ऑन व्हील प्रोजेक्ट देश की नामी कंपनी ईरेडा (भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) द्वारा प्रायोजित है, जो कि जिला कुल्लू के दूरदराज क्षेत्रों से सबंध रखने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बस में सिर्फ दिव्यांग बच्चे ही नहीं बल्कि बड़ों को भी थैरेपी सेवाएं दी जाती हैं।
बता दें कि जब यह बस कुल्लू में अपनी सेवाएं दे रही हंै, तब से लेकर बहुत से लोगों द्वारा इस बस सेवा को प्रोत्साहित किया गया है। इतना ही नहीं तत्कालीन राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर, तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं तत्कालीन शिक्षामंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने भी इस बस द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को खूब सराहा है। थैरेपी ऑन व्हील्स को वर्ष 2022 में जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड इनोवेटिव सौल्युशन से नवाजा गया है।