सिरमौर जिले की रोनहाट-तांदियों सड़क खस्ताहाल
जिला सिरमौर की रोनहाट-तांदियों सड़क पर सफर खतरे से खाली नहीं है। 15 किलोमीटर लंबे इस सफर में हर समय हादसे का खतरा बना हुआ है. आलम इस बात का है कि इस इलाके के ग्रामीण स्थानीय नेताओं के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग और सरकार से सड़क की हालत सुधारने की मांग करते थक चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। लोगों का कहना है कि विभाग और सरकार इस सड़क पर शायद किसी हादसे का इंतजार कर रही है। समाजसेवी कन्याल रणदीप शर्मा खाजटा, कपिल खाजटा, हेमदत्त, अनिल, दुलाराम, ब्रह्मदत्त, रण सिंह, वार्ड सदस्य केदियाराम, तोताराम, महेंद्र सिंह, चेतराम, रविंद्र, जगपाल, यशपाल आदि ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सड़क की टारिंग तो दूर की बात गड्ढे तक नहीं भरे जा रहे हैं। सड़क इतनी तंग है कि सरकारी व निजी बसों समेत अन्य बड़े वाहन चलाना चालकों के लिए चुनौती भरा है। यात्री जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर हैं।जगह-जगह मलबा गिरा है।ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की हालत को देखते हुए शिमला से तांदियों आने वाली सरकारी बस और पांवटा साहिब से आने वाली निजी बस के चालक व परिचालक भी अब चलने से इनकार करने लगे हैं। शिमला से अब तीसरे दिन इस रूट पर बस पहुंचती है। सड़क की दिनोंदिन बिगड़ रही हालत के चलते वाहन भी खटारा बन रहे हैं. इस रूट पर कई बार बसों के शीशे तक टूट चुके हैं। टायर भी कट फट और पंक्चर हो रहे हैं।समाजसेवी रणदीप शर्मा ने बताया कि इस सड़क से नाया पंजोड़, सांगना, हलां, लोजा मानल, रास्त, नैनीधार आदि पंचायतों के 15 से 20 गांव अवाठा, तांदियों, कफेनू, नाया, कुकडेच, कलोना, रिठ, थाना, चीयोग, कोणला, शिर्मल, रिनोयी, मानल, मेहल, लोजा, गोला धाकर, हॉलधार, देवलाह, सुनाईली, मौजवाड़ी, खुबियाडी, रास्त व गोवाह लाभांवित होते हैं। लेकिन, हालत ये है कि सड़क की खराब स्थिति से फसलें मंडी तक पहुंचाना मुश्किल है.बच्चों का स्कूल जाना, बीमार अस्पताल तक पहुंचाना, घरों तक सिलेंडर पहुंचना जैसी कई सारी दिक्कतें सड़क की खराब हालत से हो रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द सड़क की हालत नहीं सुधारी जाएगी तो लोग सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।उन्होंने संबंधित विभाग से जल्द से जल्द उचित समाधान निकालने की मांग की है।उधर, एसई लोक निर्माण विभाग एके शर्मा ने बताया कि जल्द सड़क की मरम्मत होगी. इसे लेकर अधिकारियों के निर्देश दिए जाएंगे।