प्रदेश की सुक्खू सरकार आर्थिक रूप से वेंटिलेटर पर आ गई है- त्रिलोक कपूर।
प्रदेश महानमंत्री कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले पांच वर्षों में 27 हजार करोड़ का ऋण लिया था। और जिसके फल स्वरूप जहां प्रदेश के समुचित विकास के लिए एक बराबर रफ्तार दी वहीं कोरोना जैसी महामारी के विरुद्ध लड़ने में कामयाब हुई, लेकिन उस समय न तो किसी की सैलरी एक दिन भी लेट हुई और न ही पैशन बालों को परेशान होना पड़ा। भाजपा नेता ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार मिला, हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े जनप्रतिनिधियों के आग्रह पूर्वक जो भी संस्थान खोलने की आवश्यकता महसूस हुई, कभी भी किसी को निराश नहीं किया। लेकिन आज दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस के डेढ़ वर्ष के कुशासन में 30 हज़ार करोड़ लोन लेने के बावजूद आज प्रदेश का हर वर्ग सरकार की नालायकी के कारण अपने भविष्य की चिंता में डूब गया है । उन्होंने कहा कि जहां सरकार को विकास की योजनाओं पर काम करना चाहिए वहीं सरकार विकास के बजाय कर्मचारियों को वेतन कैसे दें इस जुगाड़ में जूझ रही है।
प्रदेश महामंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था परिवर्तन का ढोंग पीटने वाली सुखू सरकार असंवैधानिक रूप से आधा दर्जन सीपीएस की फौज तैनात न करती और छोटे से राज्य में एक दर्जन सलाहकारों की बटालियन न बनाती, अपने मित्रों को खुश करने के लिए एक मूस्त एक एक लाख रुपए सैलरी न बढ़ाती तो निश्चित रूप से आज प्रदेश की ऐसी आर्थिक स्थिति नहीं होती।
उन्होंने प्रदेश की सरकार से यह मांग की है कि डेढ़ वर्ष में जो 30000 करोड़ का लोन लिया है उस पर श्वेत पत्र जारी करे ताकि प्रदेश की जनता को यह जानकारी प्राप्त हो सके कि लिए गए ऋण की राशि किस-किस को खुश करने के लिए लगाई गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर वर्ष 11000 करोड़ प्रदेश के विकास को देती है, जिसमें केंद्र सम्बंधित 65 योजनाएं हैं। इसके साथ इस ही राशि में रवेन्यू डिफिसेट के लिए 2600 करोड़ एमडीआरएफ, एसडीआरएफ, डिजास्टर रिलिफ भी शामिल हैं।
आज प्रदेश के हर वर्ग की स्थिति चिंता जनक है। कर्मचारीयों की वेतन को लेकर, छोटे से बड़े ठेकेदारों की पेमेंट, 6 महीने से जलवहकों को सैलरी न मिलना, बेरोजगारों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि होना, 1500 सरकारी संस्थानों में ताले लगाना, 12000 आउटसोर्स कर्मचारीयों को नौकरी से निकालना, 7 रुपए डीजल रेट बढ़ाकर महंगाई बढ़ाना, स्टॉप ड्यूटी से लेकर लोकमित्र केंद्र, यहां तक की बीपीएल परिवारों के प्रमाण पत्र लेने पर 50 रुपए टैक्स लेना, सरकारी दुकानों में आटा चावल का मूल्य कभी नहीं बढा, पर इस बार बढ़ाना, राशन डिपो में तेल और दाल के रेट बार-बार बढ़ना, सीमेंट के दाम एक हफ्ते में 25 रुपए और 1 साल में 100 रुपए बढ़ाना। इसके बावजूद प्रदेश की कोई अपनी योजना नहीं है। मात्र केंद्र सरकार की योजनाओं के दम पर अपनी झूठी बाह बाई लूटने में लगी है।
भाजपा नेता ने कहा कि महिलाओं से छल करके प्रदेश की राजगद्दी पर बैठने वाली कांग्रेस ने बहुत अन्याय किया। विधानसभा में तो ठगा ही लेकिन लोकसभा चुनाव में दोबारा ठगने से कांग्रेस बाज नहीं आई। लोकसभा चुनाव में सामाजिक कल्याण कार्यालयू में महिलाओं की पेंशन फार्म के साथ अपार भीड़ लगी होती थी लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद अब यह फरमान जारी कर दिया कि परिवार की एक महिला को पेंशन मिलेगी। लेकिन प्रियंका गांधी, प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मंत्री विक्रमादित्य, प्रतिभा सिंह, महिला बिंग की राष्ट्रीय अध्यक्षता अलका लांबा और कल्लू के माननीय विधायक सुंदर ठाकुर क्या बोल रहे थे यह सब ने सुना है।
उन्होंने कहा कि ऐसी झूठी पार्टी की सरकार जो महिलाओं के साथ इस प्रकार छल से जो प्रताड़ित किया है ऐसी सरकार को महिला प्रकोप लगने से कोई नहीं बचा सकता है।
आज सुखू सरकार कांगड़ा को सम्मान देने का राग अलाप कर मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है।
मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री, जिला कांगड़ा से संबंधित कांग्रेस के विधायक व मंत्रियों से पूछना चाहता हूं कि धर्मशाला में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर के निर्माण के लिए जो प्रदेश सरकार ने 30 करोड रुपए जमा करने हैं वह क्यों जमा नहीं कर रहे हैं।
दूसरा हिमाचल प्रदेश का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय जिसका नामकरण प्रदेश के ओबीसी नेता रहे चौधरी सरवन कुमार के नाम पर हुआ है उस विश्वविद्यालय की छाती पर टूरिज्म विलेज को आसीन करने का सपना देखना, यह कृषि वैज्ञानिकों व उन्होंने कहा कि यही नहीं यह कितना बड़ा कांग्रेस सरकार का दुर्भाग्य है कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति महामहिम राज्य पाल हैं। सरकार ने उनको भी विश्वास में लिए बिना अस्थाई रूप से उप कुलपति के पद पर कार्यरत व्यक्ति पर दबाव डालकर एनओसी लेकर राज्यपाल महोदय की शक्तियों को भी अधिग्रहण करके अपराध किया है।
संबंधित विभाग के मंत्री प्रोफेसर चौधरी चंद्र कुमार जो कि बड़े कद्दावर और वरिष्ठ ओबीसी नेता हैं, वह भी खुले रूप से चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय की 112 हैकटेयर भूमि पर टूरिज्म विलेज का विरोध कर रहे हैं।
इसी ही कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व में रहे 7 उप कुलपति मिल कर प्रस्तावित रूप से विद्यालय की भूमि पर टूरिज्म विलेज का लिखित व खुले मन से विरोध कर रहे हैं। विद्यालय के छात्र व कर्मचारी सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। भाजपा का स्थानीय संगठन पहले ही इसके विरोध में राज्यपाल को ज्ञापन दे चुका है। लेकिन अभी तक सरकार पर कोई असर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि पालमपुर की जनता टूरिज्म विलेज की विरोधी नहीं है लेकिन विश्वविद्यालय परिसर में ही क्यों बने।
लेकिन सच यह है कि कृषि विश्वविद्यालय की 112 हेक्टेयर भूमि समतल और खूबसूरत है। जिसकी कीमत 2000 करोड रुपए से भी ज्यादा है और टूरिज्म विलेज के रूप में जिस मित्र व्यवसायी और उद्योगपति को जमीन मुफ्त में देनी है उससे कांग्रेस को इतनी बड़ी कमीशन प्राप्त होगी जिससे कांग्रेस के नेताओं की सारी गरीबी दूर हो जाएगी।
कपूर ने कहा कि लेकिन ऐसा होगा ही नहीं। कांग्रेस के टूरिज्म विलेज में मिलने वाली कमीशन का सपना रेत के महल की तरह धराशाही हो जाएगा। भाजपा किसी भी कीमत पर ऐसा होने नहीं देगी।
प्रदेश महामंत्री ने अंत में मोदी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से राज्य की गरीब जनता को इकट्ठे 1 वर्ष में 92364 घर का तोहफा मिलना यह शायद हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने पात्र परिवारों को भी नए पक्के घर का सपना पूरा होने पर बधाई दी है और सुख सरकार से भी उम्मीद जाहिर की है कि वह भी अच्छा मुहूर्त देख कर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का गरीब लोगों को घर मिलने की सौगात पर आभार व्यक्त करेंगे