साइबर ठगों से रहे सावधान : रमन कुमार मीणा
भारतीय कानून और संविधान में ऑनलाइन अरेस्ट का कोई भी प्रावधान नहीं है या यूं कहे कि कानून में ऑनलाइन अरेस्ट नाम का कोई भी शब्द अंकित ही नहीं है। यह बात हिमालयन ग्रुप आफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट कालाअंब में साइबर क्राइम और साइबर फ्रॉड पर आयोजित कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक सिरमौर रमन कुमार मीणा ने कहीं।
रमन कुमार मीणा ने बताया कि देश में आज साइबर क्राइम और साइबर फ्रॉड चरम पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यदि साइबर फ्रॉड की बात करते हैं तो देश में गत वर्ष करीब 17000 करोड़ रुपए का साइबर फ्रॉड हुआ है। उन्होंने कहा कि साइबर ठाकुर के निशाने पर अक्सर बुजुर्ग और पेंशन भोगी लोग होते हैं।
हिमालयन ग्रुप आफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट कालाअंब में इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए आयोजित साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम की कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक रमन मीणा ने बताया कि यदि किसी के साथ साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आज साइबर क्रिमिनल द्वारा कई मर्तबा झूठी कॉल करके एआई की मदद से लोगों को निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन अरेस्ट के बारे में युवा अपने घरों में विस्तार से चर्चा करें , ताकि उनके अभिभावक और रिश्तेदार साइबर क्राइम तो की चपेट में ना आए। उन्होंने कहा कि एआई की मदद से कई बार साइबर ठग फेक कॉल करके अभिभावकों को कई प्रकार से गुमराह करते हैं। जिसमें उनके बच्चों को किसी झूठे ड्रग्स मामले में, रेप , ठगी और कई प्रकार के झूठ बोलकर उनसे लाखों रुपए की ठगी की जाती है।
उन्होंने कहा कि कानून में ऑनलाइन अरेस्ट का कोई भी प्रावधान नहीं है। यदि किसी को इस प्रकार की कोई कॉल आती है तो वह उनसे सचेत रहे इस अवसर पर हिमालयन ग्रुप आफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट कला आम के चेयरमेन रजनीश बंसल ने भी युवाओं से आवाहन किया कि वह साइबर ठाकुर से सावधान रहे और अपने अभिभावकों और आसपास के लोगों को भी इस बारे में जागरूक करें। इस अवसर पर हिमालयन ग्रुप आफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट कालाअंब के वाइस चेयरमैन विकास बंसल और सीईओ मन्नत बंसल समेत कई लोग उपस्थित थे।