हिमाचल का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने में आग में घी डालने की भूमिका निभा रहे हैं मंत्री: भूपेंद्र सिंह
शिमला में अवैध मस्ज़िद निर्माण के बहाने कुछ सांप्रदायिक ताकतों व असामाजिक तत्वों द्वारा एक धर्म विशेष के ख़िलाफ़ शुरू की गई मुहिम अब रेहड़ी फहड़ी वालों को अपने नाम की पटिका लगाने और व दुसरे राज्यों से यहां पर काम करने वाले कारीगरों, दर्जियों, कवाड़ वालों पर पहुंच गयी है। इन तत्वों के साथ कड़ाई से निपटने और साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के बजाए सुक्खू सरकार के कुछ मंत्री आग में घी डालने की भूमिका निभा रहे हैं। ये आरोप मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता व पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने लगाया है। उन्होंने कहा कि पहले शिमला में ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध ठाकुर ने रेहड़ी वालों को निशाना बनाया और उसके बाद मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुला कर सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सबसे सहयोग जरूर मंगा लेकिन उसके परिणामस्वरूप श्रम मंत्री की अध्यक्षता में स्ट्रीट वेंडरज के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी बना कर औपचारिकता निभा दी। अब उसी कमेटी के सदस्य और लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य ने रेहड़ियों पर नाम पट्टीकाएं लगाना अनिवार्य होगा का बयान देकर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचार को समर्थन कर दिया है। जबकि सांप्रदायिक ताकतों ने शिमला के बाद मंडी, धर्मशाला, हमीरपुर और प्रदेश के अन्य स्थानों पर अपना सांप्रदायिक एजेंडा तेजी से आगे बढ़ा दिया है।