सरकाघाट कॉलेज में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ
रविंद्र नाथ टैगोर राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट में वाणिज्य और प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ किया गया। इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की थीम "डिजिटल परिवर्तन और इसका व्यापार, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर प्रभाव :- सतत विकास लक्ष्यों की ओर" है। यह आयोजन हाइब्रिड (ऑनलाइन- ऑफलाइन) माध्यम के द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस आयोजन के मुख्य अतिथि सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मंडी के उप कुलपति डॉ. ललित कुमार अवस्थी रहे। उद्घाटन समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर आर कौंडल ने मुख्यातिथि, भारत एवं विदेश के मुख्य वक्ताओं, शिक्षकों, वैज्ञानिकों तथा शोधकर्ताओं का इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए सभी का स्वागत तथा आभार प्रकट किया। उन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत हिमाचली टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह देकर किया। मुख्य अतिथि उप कुलपति डॉ ललित कुमार अवस्थी ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल परिवर्तन शिक्षा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। उन्होंने सतत विकास को प्राथमिकता देने और तकनीकी प्रगति के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दिया। हम सभी को डिजिटल परिवर्तन और सतत विकास के बीच संतुलन बनाकर भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और टिकाऊ वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए।
इस कॉन्फ्रेंस के संरक्षक प्राचार्य डॉ आर आर कौंडल ने कहा कि डिजिटल परिवर्तन और इसका व्यापार, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर प्रभाव' जैसे प्रासंगिक विषय पर विचार-विमर्श हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों और अवसरों को समझने का एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन मुख्य वक्ता पवन गुंडारापु, ग्रुप डोमेन लीडर, प्रोडक्ट मैनेजर एआई और क्लाउड, सफ़रान, पेरिस, फ्रांस, प्रोफेसर एंटोन इवानोविच शिगेव, स्कूल ऑफ अकाउंटिंग, एनालिसिस एंड ऑडिटिंग, कज़ान फेडरल यूनिवर्सिटी, तातारस्तान गणराज्य, रूस
और प्रोफ़ेसर जिल एटकिंस, कार्डिफ़ बिज़नेस स्कूल, कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी, वेल्स, यूके
ने ट्रांसफार्मिंग इंडस्ट्री 4.0 विद जेनरेटिव एआई एंड क्लाउड कम्प्यूटिंग और अकाउंटिंग एंड फाइनेंसिंग फॉर रविल्डिंग एंड डी -एक्सटिंक्शन विषयों पर विस्तार से चर्चा की। इस कार्यक्रम के संयोजक सहायक प्रोफेसर शक्ति चंद ने इस कॉन्फ्रेंस के रिसोर्स पर्सन, प्रतिभागियों तथा दो दिनों में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। सम्मेलन के पहले दिन 10 तकनीकी सत्र हुए, जिनमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर प्रो तेज सिंह वर्मा, सह-संयोजक डॉ सुभाष वर्मा, सहायक प्रोफेसर पंकज ठाकुर और कॉलेज का समस्त शिक्षक वर्ग और विद्यार्थी मौजूद रहे।