हिमाचल में मुफ्त वर्दी के नाम पर सामान्य वर्ग के बच्चों के साथ अनदेखी: केएस जम्वाल
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे पहली से 8वीं श्रेणी के सामान्य वर्ग के बच्चों को मुफ्त वर्दी से वंचित रखना रखना निंदनीय है यह बात सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेशाध्यक्ष एवं राजपूत महासभा हिमाचल प्रदेश के प्रदेश महासचिव के.एस जम्वाल ने मंडी में मीडिया से बातचीत करते हुए हुए कही। जम्वाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे सामान्य वर्ग के बच्चों के साथ सरकार मुफ्त वर्दी के नाम पर भेदभाव कर रही है। इसके विरोध में संयुक्त मंच ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को सामान्य वर्ग समुदाय के बच्चों के साथ भेदभाव को समाप्त करने के लिए एक ज्ञापन भी देने का निर्णय लिया है। केएस जम्वाल ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सामान्य वर्ग के बच्चों के साथ यह भेदभाव बंद नहीं किया तो गांव व शहरों के वंचित बच्चों के परिवार सड़कों पर उतरकर प्रदेशव्यापी संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे। हिमाचल प्रदेश में पहले प्रथम श्रेणी से 12वीं तक के सभी बच्चों को निःशुल्क वर्दी सिलाई के लिए 200 रुपए के साथ मिलती थी, मगर वर्तमान सरकार ने इसे बंद करके इसकी एवज में केवल 8वीं तक के बच्चों को 600 रुपए देने का निर्णय लिया था प्रदेश सरकार ने इसे केवल एससी, एसटी, और ओबीसी, तक ही सीमित करके सामान्य वर्ग के बच्चों को इससे बाहर कर दिया है।
केएस जम्वाल ने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से 22 करोड़ रुपए जारी हुए थे जिसे सभी स्कूलों के एससी/एसटी के 8वीं तक के बच्चों को आवंटित कर कर दिए हैं मगर सामान्य वर्ग के बच्चों का उसमें नाम तक नहीं है। सरकारी स्कूलों में अधिकतर बच्चे गरीब व आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और सरकारों द्वारा इसमें भी जातियों के आधार पर बांटकर सामान्य वर्ग के बच्चों के साथ भेदभाव करना कतई तर्कसंगत नहीं है।